आज जबकि मैं युवा हो गया हूं----
मुझे टुकडों में देखा जाने लगा है
धीरे-धीरे मैं कई टुकडों में बंट चुका हूं।
मुझे मां ने पैदा किया
और, उसी ने पाला-पोसा
आज ब्राह्मण, हिन्दू और भारतीय होकर रह गया हूँ;
सबकी नजरों में।
इन सब के लिये, कहीं से भी, मैं जिम्मेदार नहीं था।
ब्राह्मण मुझे काटकर बनाया गया
हिन्दू मुझे काटकर बनाया गया
और, भारतीय भी मुझे काटकर बनाया गया।
किसी ने नहीं सोचा
इतनी बार काट देने पर--
क्या मैं बच पाऊंगा।
१४.०८.२००४
गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008
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