बुधवार, 29 अक्टूबर 2008

हम ओस की बूंदें

हम ओस की बूंदें हैं .....
जो रात में दिखतीं भी नहीं
लेकिन,
सुबह होते ही
सोना बन जाती हैं।
०३.०३.२००५

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